Mudda Aapka: नक्सलवाद: खात्मे की ओर | 22 May, 2025
Sansad Tv
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया, जिसमें नक्सली कमांडर बसवा राजू भी शामिल था. बसवा राजू पर 1 करोड़ का इनाम था. वह कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था. यह पहली बार है जब भारत की नक्सलवाद के खिलाफ तीन दशकों की लड़ाई में महासचिव स्तर के नेता को हमारे सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है!
- वर्ष 2024 में नक्सल विरोधी अभियान में प्राप्त सफलता को आगे बढ़ाते हुये वर्ष 2025 में भी सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप पिछले 04 महीने में 197 हार्डकोर नक्सलियों को न्यूट्रलाइज़्ड किया गया है।
- वर्ष 2014 में जहां 35 ज़िले नक्सलवाद से सबसे अधिक प्रभावित थे, 2025 में ये संख्या घटकर मात्र 6 रह गई है।
- इसी प्रकार नक्सलवाद प्रभावित ज़िले 126 से घटकर मात्र 18 रह गए हैं।
- 2014 में 76 ज़िलों के 330 थानों में 1080 नक्सली घटनाएं दर्ज की गईं जबकि 2024 में 42 ज़िलों के सिर्फ 151 थानों में 374 घटनाएं ही दर्ज हुई हैं।
- 2014 में 88 सुरक्षाकर्मी नक्सली हिंसा में शहीद हुए थे, जो 2024 में घटकर 19 रह गई है। मुठभेडों में मारे गए नक्सलियों की संख्या 63 से बढ़कर 2089 तक पहुंच गई है।
- वर्ष 2024 में 928 और 2025 के पहले 4 महीनों में अब तक 718 सरेंडर हो चुके हैं।
- केन्द्रीय बलों ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर 2019 से 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के कुल 320 कैंप नक्सल प्रभावित राज्यों में स्थापित किए हैं। इन कैंपों में 68 नाइट लैंडिंग हैलीपैड भी बनाए गए हैं। फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन्स की संख्या जो 2014 में 66 थी, वह अब बढ़कर 555 हो गई है।
अब तक 183 नक्सवादी हुए ढेर-
- साल 2025 में नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। शुरुआत में पांच महीने में ही 183 से अधिक नक्सलवादी मारे जा चुके हैं।
- छ्त्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 21 मई 2025 को 27 नक्सलियों की मौत के बाद साल 2025 में पिछले 5 महीने में मारे गए नक्सलियों का डेथ टोल बढ़कर 183 हो चुका है।
- इससे पहले, बीजापुर के कर्रेगुट्टा पहाड़ी में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए थे।
- यही वजह है कि नक्सलियों के बीच पहली बार खलबली देखी जा रही है। कुछ दिन पहले एक विस्फोट में तेलंगाना के कुछ कमांडो मारे गए थे।
- नक्सलवाद के खिलाफ यह लड़ाई रुकेगी नहीं, क्योंकि मध्यप्रदेश के एक छोटे हिस्से के साथ तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के बॉर्डर पर इनकी उपस्थिति बची है। कुछ जिले ओडिशा में प्रभावित हैं। कुछ जिले झारखंड में बचे हैं जहां लाल सलाम की उपस्थिति है। झारखंड और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों में बीजेपी ही सत्ता में है।
- ऐसे में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अगले कुछ दिनों में निर्णायक दौर में होगी। इस समस्या के अंत में केंद्र को तेलंगाना और झारखंड भी सहयोग कर रहे हैं।
Guests:
1- Varada A. Sambhus , Associate Professor, Centre for the Study of Law and Governance ,JNU
2- R.P. Singh, Former Special Director General, CRPF
3- Dr P K MISHRA Former Additional DG, BSF
Anchor: Preeti Singh
Producer: Surender Sharma
Guest Team: Deepti Vasishtha, Vinod Kumar Singh
PCR Team:Hem Joshi, Rakesh Nayak, Shobha Kumari , Rohit Sinha, Sandesh Jain, Javed Faridi
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