आज हम आपको अतीत में लेकर चलेंगे। हम एक युवा की कहानी से आपको रूबरू कराएंगे। उनके संघर्ष ने उनको भगवान की उपाधि दिलाई। कहने को वो एक नाम, लेकिन असल मायनों में वो एक सोच है। उस सोच का नाम है भगवान बिरसा मुंडा। महज 25 साल की उम्र में उन्होने अंतिम सांस ली, लेकिन उन्होने जितनी भी सांस ली। उन सांसों में समाया था देशप्रेम और आदिवासियों के लिए संघर्ष। देश के लिए उनके आंदोलन मिसाल बने। उनके बारे में जितने भी पन्ने पलटे जाएंगे, वो और गहरे उतर जाएंगे, आपके दिल में। भगवान बिरसा मुंडा कोई यूं ही नहीं बन जाता। उनके होने के तब भी मायने थे। उनकी सोच के आज भी मायने हैं। जनजातियों के महानायक भगवान बिरसा मुंडा की कहानी क्यों हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए खास है। क्यों वो आज भी उतने जरूरी है, जितने तब थे। जब वो अंग्रेजी हुकुमत से दो-दो हाथ कर रहे थे। आज कहानी धरती के भगवान की।
Producer Pardeep Kumar, Syed Qumber Abbas, Atul Pandey
Production– Vivek Jha, Manhar Choudhary
Video Editor- Chandan Gupta, Navin Anand, Yogendra Singh
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