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भारतीय महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कई कोशिशें हमारी संसद ने की हैं। भारत के संविधान निर्माताओं ने भी महिलाओं के अधिकारों को स्पष्ट करने के लिए हमारे संविधान में सभी प्रावधान किए हैं। संविधान में अवसर की समानता दी गई…गरिमा और प्रतिष्ठा से भरा हुआ जीवन जीने का हक दिया गया…इस गरिमा और प्रतिष्ठा में महिलाओं की गरिमा और प्रतिष्ठा का भी समावेश है… अवसर की समानताओं में किसी लिंग का विभेद नहीं किया गया…महिलाओं को भी समान रूप से अवसर दिए गए हैं…संविधान में समान कार्य के लिए समान वेतन की अवधारणा को भी निर्धारित किया।
एक जमाना था, जब महिलाएं घरेलू कार्य तक सीमित थी, समय बदला, समाज ने प्रगति की…महिलाएं घर से निकलकर कार्य स्थल पर पहुंची…लेकिन महिलाओं को कार्यस्थल पर भेदभाव और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। समाज ने जिस तरह से महिलाओं के प्रति हीन भावना रखी है उस ने एक लंबे वक्त तक महिलाओ को असहज रखा हुआ है। इसी असहजता से उबारने के लिए कानून ने महिलाओ को अधिकार प्रदान किये हैं ताकि वे भी बराबरी से जी सकें। इन अधिकारों में गरिमा से जीना यानी Rights of Dignity जैसे अधिकार शामिल हैं…आज आपका कानून के इस एपिसोड में आज हम आवाज उठाएंगे आधी आबादी की…
Guests:
1. Dr. Vageshwari Deswal, Professor, Faculty of Law, University of Delhi
2. Sansriti Pathak , Advocate-on-Record, Supreme Court
3. Kanika Arora, Legal Expert on Women’s Right
Anchor & Producer – Amrita Chaurasia
Video Editor – Mohit Jain
Graphics – Rupesh
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