Awaaz Desh Ki : Minority Status | माइनॉरिटी स्टेटस : क्या है आधार | 04 December, 2022

Sansad TV
संसद टीवी के ख़ास कार्यक्रम ‘आवाज देश की’ में आज बात देश में अल्पसंख्यक कौन हैं इसकी परिभाषा और आधार फिर से तय करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में चर्चा का विषय बना हुआ है. केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य अपने यहां जनसंख्या के आधार पर हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दे सकते हैं. जनसंख्या, धार्मिक और भाषाई आधार पर अल्पसंख्यकों की पहचान करने और उसको लेकर दिशानिर्देश तय करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल कर यह बात कही है. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियिम, 1992 के तहत अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की केंद्र सरकार की शक्ति के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है. वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका में राज्य की जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यकों की पहचान करने और अल्पसंख्यकों की पहचान के बारे में दिशानिर्देश तय किए जाने की मांग के अलावा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग अधिनियम 2004 की धारा 2 (एफ) को भी चुनौती दी गई है, कहा गया है कि इसमें केंद्र को असीमित शक्तियां दी गई हैं. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि कानून के मुताबिक राज्य सरकारें अपने राज्य में हिंदुओं समेत धार्मिक और भाषाई समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं, अनुच्छेद 29 और 30 में जो अल्पसंख्यक हैं उनको अपने रीति-रिवाज़ तथा धर्म का पालन करने का अधिकार होगा, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29, 30, 350A तथा 350B में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का प्रयोग किया गया है, अनुच्छेद 350 A और 350 B केवल भाषायी अल्पसंख्यकों से संबंधित हैं, 1992 के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2(c) के तहत 23 अक्टूबर, 1993 को जारी अधिसूचना में पांच समुदाय जिसमें पारसी, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध को अल्पसंख्यक का दर्जा मिला, फिर बाद में जैनों को 2014 में एक अलग अधिसूचना जारी कर अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया तो कुल मिलाकर भारत में छह समुदायों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया है. अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अल्पसंख्यक ऐसे समूह हैं जिनके पास विशिष्ट और स्थिर जातीय धार्मिक और भाषाई विशेषताएँ, देश में 1978 में गृह मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों के लिए एक आयोग की बात की थी, फिर तत्कालीन सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम -1992 बनाया गया, जिसका काम अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सरकार को सुझाव देना, अल्पसंख्यक समुदायों का संरक्षण करना, अल्पसंख्यकों की शिकायतें सुनना और उनका निवारण करना मगर आज भी देश के कई राज्यों में अल्पसंख्यक आयोग नहीं….तो बात इन्हीं सब मुद्दों की।

Anchor- Pratibimb Sharma
Producer- Sagheer Ahmad
Guest Coordinator:- Manoj Gupta, Paras Kandpal

Guests:-

1. Suresh Chandra, Former Law Secretary, GoI
सुरेश चंद्रा, पूर्व विधि सचिव, भारत सरकार

2. इकबाल सिंह लालपुरा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
Iqbal Singh Lalpura, Chairman, National Commission for Minorities

3. प्रो. एम. एम. अंसारी, पूर्व सदस्य, यूजीसी
Prof. M. M. Ansari, Former member UGC

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